Saturday, 16 March 2013

Jaya Ram Rama Ramanam Shamanam

जय राम, श्री राम

जय राम रमा रामनाम शमनं भव ताप भाया कुल पाहि जनम
माहि मंडल मंडल चारु तरंग ध्रित सायत चाप निषंगवरम ।

मुनि मानस पंकज भृंग भजे, रघुवीर महा रणवीर अजे
तव नाम जपामि नमामि हरी भाव रोग महामद मान अरी।

गुण शील त्रिपा परमायतनम प्रनमामि निरंतर श्री रमनम
रघुनंद निकंदय ध्वन्ध धनं महिपाल बिलोकय दीना जनम।

Saanwaliya Man Bhaayo Re

सांवलिया सांवलिया मन भायो रे (२)

देश भी ढूंढा विदेश भी ढूंढा (२)
फिर भी ना मिल पायो रे। (२)

काशी भी ढूंढा प्रयाग भी ढूंढा (२)
फिर भी न दर्शन पायो रे। (२)

मीरा के प्रभु और ना कोई (२)
जनम जनम बिसरायो रे। (२)

Wednesday, 13 March 2013

He Herab Shiva

हे हेरब शिव बटिया कतेक दिनमा? (२)

अनलौं जे मृतिका बनलौं महादेव। (२)
शिव संग पुजलहुं (२) गौरी गणेश।

अनलौं जे बेलपत्र सेहो सुखी गेल। (२)
भांग धथुरवा (२) में घुन लागी गेल।

खोजलहुन काशी खोजलहुन प्रयाग। (२)
ओतहि सुनल भोला (२) गेला कैलाश।

सबके त भोला बाबा लिखी पढ़ी देल। (२)
हमरही बेरिया में (२) कलम टूटी गेल।

जं भोला बाबा होएता सहाय। (२)
टुटलो कलंवान सँ (२) लिखता बनाए।

Saturday, 9 March 2013

Jaya Jaya Hey Bhagavati Sura Bhaarati

जय जय हे भगवती सुर भारती तव चरणौ प्रनामामः
नाद ब्रम्ह्मयी जय बागेश्वरी शरणम ते गच्छामः।

त्वमसि शरण्या त्रिभुवन धन्या सुर मुनि वन्दित चरणा
नव रस मधुरा कविता मुकुरा स्मृति रूचि रुचिराभराना।

आसिन भावा मानस हमसे कूंड तुहिन सशि धवले
हार जगतगुरु बोधि विकासम स्थित पंकज तनु वमले।

ललित कलामायी ग्यान विभामयी वीणा पुस्तकधारिणी
मदिरा स्ताम्नो तव पदकमले अयि कुंठा विश्हारिणी।

Nagendra Haaraaya Trilochanaaya

नागेन्द्र हाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय महेश्वराय।
नित्याय शुध्धाय दिगम्बराय तस्मै नकाराय नमः शिवाय।

मंदाकिनी सलिल चन्दन चर्चिताय
नन्दीश्वर प्रमध नाथ महेश्वराय
मंदार पुष्प बहु पुष्प सुपूजिताय
तस्मै मकाराय नमः शिवाय।

शिवाय गौरी वदनार विंद
सूर्याय दक्ष द्वार नासकाय
श्री नीलकंठाय वृष ध्वजाय
तस्मै शिकाराय नमः शिवाय।

वशिष्ठ कुम्भोद्भव गौतमादि
मुनेन्द्र देवर्चित शेखराय
चंद्रार्क वैश्वनर लोचनाय
तस्मै वकाराय नमः शिवाय

यक्ष स्वरूपाय जटा धराय
पिनाक हस्तथाय सनातनाय
दिव्याय देवाय दिगम्बराय
तस्मै यकाराय नमः शिवाय।

Run-Jhun Baajey Paajaniyaan

रुन-झुन बाजे पैजनियाँ, मस्त मुरलिया वाले,
दरस दिखा जा, आजा, दरस दिखा जा।

कैद पड़े वासुदेव-देवकी रोते हैं,
पहरे वाले ताला लगाकर सोते हैं सोते हैं
प्रकटे कृष्ण मुरारी जी, मोर मुकुट वाले
दरस दिखा जा आजा ...

कृष्ण को ले वासुदेव गोकुल को जाते हैं, जाते हैं।
यमुनाजी को देख बहुत घबराते हैं घबराते हैं।
जाना कृष्ण मुरारी जी चरण छुआने वाले

दरस दिखा जा आजा ...

कृष्ण को दे यशोदा से कन्या लाते हैं लाते हैं।
कन्या पा वासुदेव बहुत सुख पाते हैं पाते हैं।
जागे सब पहरे वाले, कंस बुलाने वाले 
दरस दिखा जा आजा ...

कंस अधम ने बहन से कन्या छीन लिया छीन लिया।
ज्योंही पटकना चाहा हाथ से छूट गया छूट गया।
नभ से आई वाणी जी, तेरे मारने वाले 
कृष्ण मुरारी जी कृष्ण मुरारि. 

Madan Mohan Saghan Van Mein

मदन मोहन सघन वन में मधुर बंसी बजाते हैं (२)
कभी माखन कभी मिसरी कभी दाढ़ियाँ खिलाते हैं।

मदन मोहन सघन वन में मधुर बंसी बजाते हैं
कभी राधा कभी रूक्मिण कभी गोपियाँ रिझाते हैं।

मदन मोहन सघन वन में मधुर बंसी बजाते हैं
कभी तोसक कभी कम्बल, कभी चादर बिछाते हैं।

मदन मोहन सघन वन में मधुर बंसी बजाते हैं।

Darshan Do Ghanshyam

दर्शन दो घन श्याम नाथ मोरी अँखियाँ प्यासी रे (२)

मंदिर-मंदिर मूरत तेरी, फिर भी न देखि सूरत तेरी।
जाने कब वो आये मिलन की पूरनमाशी रे।
दर्शन दो घन श्याम ...

द्वार दया के जब तुम खोले पंब्चम सुर में गूंगा बोले।
अंधा देखे लंगडा चल कर पंहुचे काशी रे .
दर्शन दो घन श्याम ...

पानी पीकर प्यास बुझाऊँ, नैनन  को कैसे समझाऊँ।
नरसी की प्रभु विनती सुनले जगातविलासी रे।
दर्शन दो घन श्याम ...

Singh Par Ek Kamal Raajit

सिंह पर एक कमल राजित ताहि ऊपर भगवती। (२)
उदित दिन कर लाल छवि अति रूप सुन्दर भावति।।

मां सिंह पर एक कमल राजित ताहि ऊपर भगवती।
शंख गहि-गहि चक्र गहि-गहि, खड्ग गहि रक्शपालति।।

मां सिंह पर एक कमल राजित ताहि ऊपर भगवती।
दांत खट-खट जीह लह-लह, मुण्डमाल विराजति. 

शोणित गट-गट पिबति जोगिनी, विकट रूप दिखावती।
मां सिंह पर एक कमल राजित ताहि ऊपर भगवती। 

Jagadamb Ahin Avalamb Hamar

जगदम्ब अहीं अवलम्ब हमर, हे माये अहाँ बिनु आस केकर।

हम जग भरी स ठुकरायल छी, माता के सरन में आयल छी (२)
अछि बीच भवर में नाव हमर हे माये अहाँ बिनु आस केकर।

काली दुर्गा कल्याणी छी, तारा आंबे ब्रम्हाणी छी (२)
करू माफ़ जननी अपराध हमर हे माये अहाँ बिनु आस केकर।

जों माये अहाँ दुःख नैं सुनबइ त जाए कहू केकरा कहबै (२)
अछि पुत्र प्रदीप बनल तुग्गर हे माय अहाँ बिनु आस केकर. 

Bhadra Kaali Hamar Kasht Haru

भद्र काली हमर कष्ट जल्दी हरू, महाकाली हमर कष्ट जल्दी हरू।
पूजा पाठो ने जानी कोन की करू, चित चंचल सदा ध्यान कोना धरू।

अम्बे-अम्बे त हरदम जपब हम बरू, दिय दर्शन हे माता विपति सब हरू।
भद्र काली हमर कष्ट जल्दी हरू, महाकाली हमर कष्ट जल्दी हरू।

आस माता हमर शीघ्र पूरण करू, महाकाली हमर कष्ट जल्दी हरू।
भद्र काली हमर कष्ट जल्दी हरू, महाकाली हमर कष्ट जल्दी हरू।

Jaya Jayati Jaya Kamaley

जय जयति जय कमले (२)
कनक भुधड शिखर वासिनी, चन्द्रिका चय चारु हासिनी
दशन कोटि विकास बंकिमी, तुलित चन्द्र काले (२)
जय जयति जय कमले।

क्रुद्ध सुररिपु बल निपातिनी, महिषा-शुम्भ-निशुम्भ घातिनी
भीत भक्ति भयापा नोदन, पाटलप्रवाले (२)
जय जयति जय कमले।

जय देवी दुर्गे दुरित तारिणी, दुर्गामारी विमर्द कारिणी
भक्ति नम्र सुरासुराधिप मनगलप्रवले (२)
जय जयति जय कमले।

गगन मंडल गर्भ गाहिनी, समरभूमि सुसिंह वाहिनी
परशु पाश कृपान सायक, शंख चक्र धरे (२)
जय जयति जय कमले।

अष्ट भैरवी संग शालिनी, स्वकर-कृति कृपाल मालिनी
दनुज शोणित पिशित वर्धित, पारण राभासे (२)
जय जयति जय कमले।

जगत पालन जन्म मारन, रूप कार्य सहस्त्र कारण
हरी विरंची महेश शेखर, चुम्यमान पड़े (२)
जय जयति जय कमले।

सकल पापकला परिच्युती सुकवि विद्यापति क्रितस्तुति
तोशिते शिवसिंह भूपति, कामना फल दे.
जय जयति जय कमले।

Gaayiye Ganapati Jagavandan

गाइये गणपति जगवंदन (२)
शंकर सुवन भवानी नंदन
गाइये गणपति जगवंदन

सिद्धि सदन गजवदन विनायक (२)
कृपा सिन्धु सुन्दर सब लायक
गाइये गणपति जगवंदन

मोदक प्रिय मुद मंगल डाता (२)
विद्या वारिधि बुद्धि विधाता
गाइये गणपति जगवंदन

मांगत तुलसी दस कर जोरे (२)
बसहूँ राम-सिय मानस मोरे
गाइये गणपति जगवंदन।