जय राम, श्री राम
जय राम रमा रामनाम शमनं भव ताप भाया कुल पाहि जनम
माहि मंडल मंडल चारु तरंग ध्रित सायत चाप निषंगवरम ।
मुनि मानस पंकज भृंग भजे, रघुवीर महा रणवीर अजे
तव नाम जपामि नमामि हरी भाव रोग महामद मान अरी।
गुण शील त्रिपा परमायतनम प्रनमामि निरंतर श्री रमनम
रघुनंद निकंदय ध्वन्ध धनं महिपाल बिलोकय दीना जनम।
जय राम रमा रामनाम शमनं भव ताप भाया कुल पाहि जनम
माहि मंडल मंडल चारु तरंग ध्रित सायत चाप निषंगवरम ।
मुनि मानस पंकज भृंग भजे, रघुवीर महा रणवीर अजे
तव नाम जपामि नमामि हरी भाव रोग महामद मान अरी।
गुण शील त्रिपा परमायतनम प्रनमामि निरंतर श्री रमनम
रघुनंद निकंदय ध्वन्ध धनं महिपाल बिलोकय दीना जनम।