जय जयति जय कमले (२)
कनक भुधड शिखर वासिनी, चन्द्रिका चय चारु हासिनी
दशन कोटि विकास बंकिमी, तुलित चन्द्र काले (२)
जय जयति जय कमले।
क्रुद्ध सुररिपु बल निपातिनी, महिषा-शुम्भ-निशुम्भ घातिनी
भीत भक्ति भयापा नोदन, पाटलप्रवाले (२)
जय जयति जय कमले।
जय देवी दुर्गे दुरित तारिणी, दुर्गामारी विमर्द कारिणी
भक्ति नम्र सुरासुराधिप मनगलप्रवले (२)
जय जयति जय कमले।
गगन मंडल गर्भ गाहिनी, समरभूमि सुसिंह वाहिनी
परशु पाश कृपान सायक, शंख चक्र धरे (२)
जय जयति जय कमले।
अष्ट भैरवी संग शालिनी, स्वकर-कृति कृपाल मालिनी
दनुज शोणित पिशित वर्धित, पारण राभासे (२)
जय जयति जय कमले।
जगत पालन जन्म मारन, रूप कार्य सहस्त्र कारण
हरी विरंची महेश शेखर, चुम्यमान पड़े (२)
जय जयति जय कमले।
सकल पापकला परिच्युती सुकवि विद्यापति क्रितस्तुति
तोशिते शिवसिंह भूपति, कामना फल दे.
जय जयति जय कमले।
कनक भुधड शिखर वासिनी, चन्द्रिका चय चारु हासिनी
दशन कोटि विकास बंकिमी, तुलित चन्द्र काले (२)
जय जयति जय कमले।
क्रुद्ध सुररिपु बल निपातिनी, महिषा-शुम्भ-निशुम्भ घातिनी
भीत भक्ति भयापा नोदन, पाटलप्रवाले (२)
जय जयति जय कमले।
जय देवी दुर्गे दुरित तारिणी, दुर्गामारी विमर्द कारिणी
भक्ति नम्र सुरासुराधिप मनगलप्रवले (२)
जय जयति जय कमले।
गगन मंडल गर्भ गाहिनी, समरभूमि सुसिंह वाहिनी
परशु पाश कृपान सायक, शंख चक्र धरे (२)
जय जयति जय कमले।
अष्ट भैरवी संग शालिनी, स्वकर-कृति कृपाल मालिनी
दनुज शोणित पिशित वर्धित, पारण राभासे (२)
जय जयति जय कमले।
जगत पालन जन्म मारन, रूप कार्य सहस्त्र कारण
हरी विरंची महेश शेखर, चुम्यमान पड़े (२)
जय जयति जय कमले।
सकल पापकला परिच्युती सुकवि विद्यापति क्रितस्तुति
तोशिते शिवसिंह भूपति, कामना फल दे.
जय जयति जय कमले।
No comments:
Post a Comment