सांवलिया सांवलिया मन भायो रे (२)
देश भी ढूंढा विदेश भी ढूंढा (२)
फिर भी ना मिल पायो रे। (२)
काशी भी ढूंढा प्रयाग भी ढूंढा (२)
फिर भी न दर्शन पायो रे। (२)
मीरा के प्रभु और ना कोई (२)
जनम जनम बिसरायो रे। (२)
देश भी ढूंढा विदेश भी ढूंढा (२)
फिर भी ना मिल पायो रे। (२)
काशी भी ढूंढा प्रयाग भी ढूंढा (२)
फिर भी न दर्शन पायो रे। (२)
मीरा के प्रभु और ना कोई (२)
जनम जनम बिसरायो रे। (२)
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